सिकंदर का इतिहास (History Of Alexandar The Great)

सिकंदर का जन्म और मृत्यु

सिकंदर का जन्म 356 ईशा पूर्व यूनान के मेसोडोनिया में हुआ था।
और मृत्यु 326 ईशा पूर्व मिश्र में हुआ था, और बेबीलोन में दफनाया गया।
सिकंदर एक ऐसा शासक है जिसका जन्म ,मृत्यु और अंतिम संस्कार तीन देशो से सम्बंधित है; जन्म यूनान में ,मृत्यु मिश्र में और बेबीलोन में दफनाया गया।

सिकंदर के माता पिता , तथा पत्नी और बहन

सिकंदर के पिता का नाम फिलिप दूतीय था , 359 ईसा पूर्व में सिकंदर के पिता मेसोडोनिया का शासक बना।
शासन करने के दौरान ही 336 ईशा पूर्व में उनके शत्रुओ के द्वारा फिलिप द्वितीय की हत्या कर दी जाती है।सिंकदर अपने पिता के मृत्यु के पश्चात् बहुत ही दुखी एवं उदाश रहने लगा , पिता के मृत्यु पश्चयात सिंकदर ने अपने पिता की शासन गद्दी को संभाला।सिंकंदर की माँ का नाम ओलम्पिया तथा पत्नी रुख़्सान बहन का नाम आलम्प था।

सिकन्दर के गुरु का नाम “अरस्तु ” था

सिकन्दर के गुरु का नाम “अरस्तु ” था जो एक महान दार्शनिक था।
अरस्तु को राजनीत तथा जीव विज्ञानं के पितामह (जनक ) कहे जाते है।

सिकंदर के जल और थल सेनापति

सिकंदर के जल सेनापति का नाम निर्याकस , तथा थल सेनापति सेल्यूकस निकेटर था

सिकंदर का विश्वविजय अभियान 336 से 326 ईसा पूर्व

सिकंदर का शासनकाल 336 से 326 ईसा पूर्व लगभग दस साल तक रहा।
सिकंदर ने 331 ईसा पूर्व में मिश्र में आक्रमण किया मिश्र के समस्त राजाओ को अपने आधीन कर लिया।
इस क्रम मे फारस , काबुल, गांधार , बैक्ट्रिया जीतते हुए , हिन्दुकुश पर्वत को पार करते हुए खैबर दर्रे से भारत भूमि में प्रवेश किया।

सिकंदर का भारत अभियान 326 ईसा पूर्व


326 ईशा पूर्व में सिंकंदर ने भारत पर आक्रमण किया। सिकन्दर का सबसे पहले सामना तक्षशिला के शासक आम्भी से हुआ।
राजा आम्भी ने सिकंदर की विशाल से सेना को देखकर भयभीत हो गया , भय के कारण आम्भी ने अपनी समस्त सेना और महत्वपूर्ण वेशकीमती वस्तु को उपहार स्वरूप सिकंदर को भेट कर यूनान के शासक सिकन्दर की आधीनता स्वीकार कर ली।

सिकंदर का पोरस के बीच युद्ध 326 ईसा पूर्व

सिकंदर ने अपना विजय अभियान जारी करते हुए ,पुरुराज के राजा ” राजा पोरास ” पर आक्रमण किया ,

सिकंदर और पोरस के बीच युद्ध 326 ईसा पूर्व झेलम नदी के तट पर हुआ।
इसलिए इसे हाइडेस्पीज या वितिस्ता का युद्ध के नाम से जाना जाता है।

सिकन्दर ने पोरस को पराजित कर उसे बंदी बना लिया। सिकंदर के सैनिको ने पोरस को सिकंदर के सामने पेश किया।

सिकंदर ने ” पोरस से पूछा की आप के साथ कैसा व्यवहार किया जाये , पोरस ने वीरता का परिचय देते हुए जवाब दिया की ” जैसा एक राजा दूसरे राजा के साथ व्यवहार करता है, वैसा ही व्यवहार मेरे साथ किया जाए ” पोरस का जवाब सुनकर सिकंदर खुश हो गया , और सिकंदर ने पोरस का जीता हुआ राज वापस कर दिया।

इस तरह से पोरस हार कर भी जीत गया।

अंततः सिकंदर के सैनिको ने व्यास नदी को पार करने से मना कर दिया , और इसतरह से सिकंदर ने वापस यूनान जाने का निर्णंय ले लिया सिकंदर के जाते हुए मिश्र में मृत्यु हो गई और फिर सिकन्दर को बेबीलोन में सैनिको द्वारा दफना दिया गया। और इसतरह से सिकंदर और उसके शासन का अंत हो गया।

S. K.M

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